आम आदमी के बढ़ेंगे खर्चे ! अब हर UPI पेमेंट पर देने पड़ सकते हैं एक्स्ट्रा पैसे, जानिए क्या है नया प्रस्ताव?

UPI(unified payments interface): हमारे देश में पिछले कुछ समय से यूपीआई का प्रचलन शानदार तरीके से बढ़ोतरी कर रहा है. ऐसे में कहा जा सकता है कि यूपीआई भारत में खूब हिट रहा है. यूपीआई कार्ड पेमेंट के विकल्प के तौर पर और डिजिटल पेमेंट के एक अन्य विकल्प के रूप में लांच किया गया था और अब यह भारत के बाहर भी उपलब्ध है. इसके सफल होने का सबसे बड़ा कारण यह भी है कि इससे पेमेंट तेजी से सफल हो जाते हैं.

दूसरे इसके लिए यूजर को कोई अतिरिक्त शुल्क भी नहीं देना पड़ता है. लेकिन अब इस नियम में जल्द ही फेरबदल हो सकता है. दरअसल भारतीय रिजर्व बैंक यूपीआई पेमेंट पर अतिरिक्त शुल्क वसूलने का विचार कर रही है. ऐसे में अगर आप भी अपने पेमेंट के लिए यूपीआई का प्रयोग करते हैं तो जान लीजिए आरबीआई का आगामी नया प्लान!

अतिरिक्त शुल्क के लिए क्या है रिजर्व बैंक का नया प्लान ?

इस विषय में आरबीआई का नया प्रस्ताव कहता है कि केंद्रीय बैंक यूपीआई पद्धति का उपयोग करके पैसे के हर लेन-देन पर शुल्क वसूलने का विचार कर रहा है. इसका मुख्य उद्देश्य यूपीआई के बुनियादी ढांचे के निवेश और संचालन की लागत की वसूली करना है. आरबीआई का कहना है कि UPI का उपयोग फंड ट्रांसफर IMPS की तरह ही है. इसलिए यकीनन यूपीआई को फंड ट्रांसफर के लिए IMPS की तरह ही शुल्क देना चाहिए.

अब इसके लिए आरबीआई ने सुझाव दिया है कि यूपीआई पेमेंट पर अब अलग-अलग राशि के ब्रैकेट के आधार पर एक टियर चार्ज लगाया जाना चाहिए. केंद्रीय बैंक का कहना है कि यूपीआई एक फंड ट्रांसफर सिस्टम है जो फंड के रियल टाइम मोमेंट को सक्षम बनाता है. यह एक मर्चेंट पेमेंट सिस्टम के रूप में और कार्ड के लिए T+ N चक्र के विपरीत रियल टाइम में फंड सेटलमेंट की सुविधा देता है.

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