अब दिल्ली के मेट्रो स्टेशनों में खुली शराब की दुकानें, देखें किन किन स्टेशन पर मिलेगी वाइन
नई दिल्ली : दिल्ली के आबकारी विभाग ने सरकार के राजस्व को भरने के लिए मेट्रो स्टेशन परिसर में भी बेहतर बिक्री का विजन रखते हुए शराब की दुकान खोलना शुरू कर दिया है. इस विषय में आबकारी विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा है कि दिल्ली मेट्रो के तकरीबन 6 से अधिक शराब की दुकानें खोली गई है. जिनमें कई मेट्रो स्टेशन शामिल है.
इन मेट्रो स्टेशन पर खुल चुकी है शराब की दुकानें
सूचना के मुताबिक दिल्ली मेट्रो के मेट्रो स्टेशन बदरपुर, द्वारका, करोल बाग, रजौरी गार्डन, मुंडाका सहित बड़े परिसर वाले मेट्रो स्टेशनों पर अब शराब की दुकानें खोली जा रही है. इस विषय में सूत्रों का कहना है कि अन्य कई स्टेशनों पर भी सरकारी उपक्रमों द्वारा शराब की दुकानें खोलने की परमिशन लेने हेतु दिल्ली मेट्रो रेल कॉरपोरेशन से संपर्क किया जा रहा है और आने वाले कुछ समय में अन्य कई स्टेशनों पर भी जल्द ही शराब की कई दुकानें खुल जाएंगी.
मेट्रो स्टेशन पर क्यों खोली जा रही है शराब की दुकानें?
इस विषय में आबकारी विभाग के अधिकारियों ने बताया है कि मेट्रो स्टेशन पर बड़ी संख्या में लोग आते हैं और यह शराब के उत्पादों की पहुंच सुनिश्चित करने और इससे अधिक राजस्व सुनिश्चित करने के लिए एक बड़ा कदम साबित हो सकता है.
क्योंकि दिल्ली और उसके आसपास के क्षेत्र की एक बड़ी जनसंख्या मेट्रो से यात्रा को तवज्जो देती है और लाखों लोग मेट्रो का इस्तेमाल करते हैं. ऐसे में आबकारी विभाग का यह कदम इसलिए भी कारगर है क्योंकि इससे ना तो लोगों को ज्यादा घूमना पड़ेगा और ना ही शराब कारोबारियों को ग्राहकों का इंतजार करना होगा.
अब कई बड़े मेट्रो परेशान पर तो शराब की दुकानें खोली जा चुकी है और अन्य कई स्टेशन पर भी जल्द ही खोले जाने की योजना है. अधिकारियों का कहना है कि दिल्ली मेट्रो रेल कॉरपोरेशन ने दिल्ली कंजूमर ऑपरेटिव होलसेल स्टोर लिमिटेड के 6 से अधिक मेट्रो स्टेशन में शराब की दुकान खोलने के लिए कई व्यवसायिक शर्तों के साथ दुकानों के लिए लाइसेंस जारी कर दिए हैं.
पुरानी शराब नीति से लोगों को हो सकती है परेशानी
गौरतलब है कि राजधानी दिल्ली में 1 सितंबर से पुरानी शराब नीति लागू हो गई है. जिसके तहत दिल्ली सरकार ने चार निगम के माध्यम से 422 नई दुकान खोली है. और इस नई व्यवस्था के चलते कुछ वक्त तक लोगों को शराब खरीदने में परेशानी आ सकती हैं. क्योंकि सरकारी दुकानों पर शराब के ब्रांड इकट्ठा करने में कुछ वक्त लग सकता है.