दिल्ली मेट्रो पहुँचायेगा आपको घर तक, इन 11 रूट पर फिर से बस सेवा शुरू, 44 नई लग्जरियस बसें लगायी काम पर
नई दिल्ली : अब मेट्रो में सफर करने वाले लाखों यात्रियों को लास्ट माइल कनेक्टिविटी के तहत बेहतर सुविधा उपलब्ध कराने हेतु दिल्ली मेट्रो रेल निगम अपनी पुरानी सीएनजी फीडर बसों को दोबारा सड़कों पर उतारने की तैयारी कर रहा है. जिसके तहत कोरोना संक्रमण शुरू होने के बाद तकरीबन ढाई साल से 122 पुरानी सीएनजी फीडर बसें डिपो में खड़ी है.
और अब इन्हें चरण तरीके से शुरू करने का विचार बनाया जा रहा है. पहले चरण में यहां 40 बसों का परिचालन शुरू करने के लिए नियुक्ति प्रक्रिया शुरू की गई है. और एक-एक करके तरीके से इन सभी बसों को सड़कों पर दोबारा चलाने की योजना है.
इसके लिए जल्द ही इन का परिचालन शुरू किया जा रहा है. बता दें कि कोरोना काल से पहले इन फीडर बसों का परिचालन निजी एजेंसियां ही करती थी. और मार्च 2020 में कोरोना का संक्रमण शुरू होने के कारण लॉकडाउन के चलते इन का परिचालन बंद हो गया था.
क्या है इन बसों की मौजूदा समय में परिस्थिति?
मौजूदा समय में लास्ट माइल कनेक्टिविटी के लिए डीएमआरसी 9 मेट्रो स्टेशन से 26 एसी इलेक्ट्रिक का बसों का परिचालन कर रहा है. जो कि दिल्ली की जनता और ट्रैफिक के हिसाब से पर्याप्त नहीं है. इसी वजह से यात्रियों को मेट्रो स्टेशन पर उतरने के बाद अपने गंतव्य तक पहुंचने में काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है.
कहां है कितनी बसें?
बता दें कि गोविंदपुरी जैसे इलाकों में 81 पुरानी फीडर बसें और यमुना बैंक डिपो में 40 फीडर बसें ठप पड़ी है. इनमें से गोविंदपुर डिपो की 40 फीडर बसों का परिचालन पहले होगा. बता दें कि यह बसें 8 साल पुरानी है. जो दक्षिण दिल्ली के 11 रूटों पर रफ्तार भरने जा रही है. जिसके चलते डीएमआरसी ने इसके परिचालन और रखरखाव हेतु निजी आपरेटरों से आवेदन मांगे हैं. इसके बाद ही अन्य पुरानी फीडर बसों का परिचालन शुरू किया जाना है.
क्या है मेट्रो बोर्ड का लक्ष्य?
आपको बता दें कि इस विषय में डीएमआरसी का कहना है कि लास्ट माइल कनेक्टिविटी के तहत वर्तमान समय में 56 फीडर बसों के साथ ही साथ विभिन्न मेट्रो स्टेशन से ई रिक्शा, ई स्कूटर, शेयरिंग साइकिल इत्यादि सुविधा भी उपलब्ध है. इसके साथ ही अब नई इलेक्ट्रिक फीडर बसों का परिचालन शुरू होने जा रहा है. जिससे प्रोजेक्ट को बेहतरीन तरीके से विकास प्राप्त हो सकेगा.