दिल्ली की इस झील में बनेगा तैरने वाला ऊर्जा संयंत्र, जिससे 50 पार्कों को मिलेगी बिजली सप्लाई
New Delhi: दिल्ली के त्रिलोकपुरी में स्थित संजय झील का अब नवीनीकरण किया जा रहा है. जिसमें विकास कार्यक्रम में राष्ट्रीय राजधानी का पहला तैरने वाला सौर ऊर्जा संयंत्र बनाने की योजना भी चल रही है. बता दें कि इसका निर्माण दिल्ली विकास प्राधिकरण द्वारा करवाया जा रहा है. जिसके माध्यम से तकरीबन एक से डेढ़ मेगावाट सौर ऊर्जा बनाने का अनुमान लगाया जा रहा है. सबसे अहम बात यह है कि इस ऊर्जा के जरिए 50 अन्य पार्को में भी बिजली आपूर्ति की जा सकेगी.
आपको बता दें कि इस प्रकार की सुविधा पहले भी तेलंगाना और केरल राज्य में की जा चुकी है और इन्हीं की तर्ज पर दिल्ली में भी इस प्रकार का काम हो रहा है. ऐसे में इस प्रोजेक्ट का निर्माण कार्य पूरा होने के बाद संजय झील का यह सौर ऊर्जा संयंत्र राजधानी का पहला ऐसा संयंत्र होगा जो पानी के बीच तैरेगा और अन्य पार्को को बिजली सप्लाई भी देगा.
इस विषय में डीडीए के वरिष्ठ अधिकारियों का कहना है कि यह पार्क कुल 170 एकड़ में फैला है और इसमें से 52.3 एकड़ में झील का विस्तार है. अधिकारियों ने आगे कहा कि झील के मध्य भाग में यहां तकरीबन एक तिहाई हिस्से में तैरने वाला सौर ऊर्जा संयंत्र लगाकर इस योजना को पूरा किया जा रहा है. जबकि झील के बाकी हिस्से में पहले की तरह ही यहां बोटिंग की सुविधा बहाल रहेगी.
पार्क के सुंदरीकरण के लिए होंगे विशेष इंतजाम
इसके साथ ही पार्क के सुंदरीकरण और यहां की हरियाली बढ़ाने के लिए भी विशेष इंतजाम किए जा रहे हैं. रिपोर्ट्स का दावा है कि इस पार्क में 5000 देसी प्रजाति के पौधे लगाए जाने हैं. और यहां की साफ-सफाई और कायाकल्प के लिए भी डीडीए ने जल बोर्ड के साथ बैठक करके इसका जिम्मा उन्हें सौंप दिया है. बता दें कि यहां सफाई के दरमियान झील को तकरीबन 1.5 से 2 मीटर तक और गहरा किया जाएगा ताकि यहां जल ग्रहण क्षमता में वृद्धि हो सके.
इसके साथ ही यहां लगने वाला ऊर्जा संयंत्र भी एक कारगर कदम हो सकता है. जिससे कि अन्य पार्कों को बिजली की सुविधा मिल सकेगी. ऐसे में यहां पर्यावरण के हितों के लिए भी एक प्रभावी कदम उठाया जा सकेगा. इस विषय में प्रशासन का कहना है कि इस प्रोजेक्ट का निर्माण कार्य पूरा होने के बाद इसी तर्ज पर अन्य कई प्रोजेक्ट पर भी काम किया जाना है और दूसरे कई पार्कों में भी ऐसी ही सुविधा लाई जाएगी.