रिजर्व बैंक ने इस बैंक का कैंसल किया लाइसेंस, कुछ ही समय में होने जा रहा है बंद; ग्राहक नहीं निकाल पाएंगे पैसा?

भारतीय रिजर्व बैंक इन दिनों कई बैंकों पर सख्त कार्यवाही कर रहा है और उसका प्रदर्शन भी चारों तरफ देखा जा सकता है. अब रिजर्व बैंक ने एक और बैंक पर बेहद सख्त कार्यवाही की है .जिसके चलते रिजर्व बैंक ने उस बैंक का लाइसेंस ही रद्द कर दिया है.

आपको बता दें कि केंद्रीय बैंक ने अब हाल ही में पुणे स्थित रुपैया को ऑपरेटिव बैंक का लाइसेंस कैंसिल कर दिया है. यह आदेश 22 सितंबर 2022 से प्रभावी होगा. रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने इस विषय में कहा है कि ‘केंद्रीय बैंक मुंबई हाई कोर्ट के 12 सितंबर 2017 के आदेश का पालन करते हुए पुणे स्थित इस सहकारी बैंक का लाइसेंस रद्द किया जा रहा है.

केंद्रीय बैंक ने कहा कि रुपैया सहकारी बैंक की वित्तीय स्थिति बेहद चरमरा गई है और बैंक अपने डिपोजर्स का पैसा लौटाने की स्थिति नहीं है. ऐसे में अब कुछ ही सप्ताह बाद बैंक का कारोबार बंद कर दिया जाएगा. आरबीआई ने कहा कि अगर रुपैया सहकारी बैंक के बैंकिंग कारोबार को आगे बढ़ाने की अनुमति दी जाती है तो इसका जनता पर गलत प्रभाव पड़ेगा.

आरबीआई ने बताया कि बैंक को अब कुछ ही समय में अपना कारोबार बंद करना पड़ेगा. बैंक को बैंकिंग कारोबार से पूरी तरह से प्रतिबंधित किया जाएगा. इसलिए ग्राहक ना तो पैसे जमा करवा सकेंगे और ना ही निकाल सकेंगे.

रिजर्व बैंक ने कहा कि रुपैया सहकारी बैंक का लाइसेंस रद्द कर दिया गया है क्योंकि बैंक के पास पर्याप्त पूंजी और कमाई की संभावना नहीं दिख रही है. ऐसे में यह बैंक अब आगे चलने की स्थिति में नहीं है और इसका लाइसेंस रद्द किया जाना ही एकमात्र विकल्प शेष बचता है.

क्या है बैंक नियमों का गणित?

यह बैंकिंग विनियमन 1949 की धारा 56 के साथ धारा 11(1), धारा 22(3) डी के प्रावधानों का अनुपालन नहीं करता है. यह बैंक धारा 22(3) A, 22(3) B, 22 (3) C, 22 (3) D और 22 (4) E की आवश्यकताओं को पालन करने में विफल रहा है. रिजर्व बैंक ने बताया कि डीआईसीजीसी अधिनियम 1961 के प्रावधानों के अधीन प्रत्येक डिपोजिटर 5 लाख रूपए तक का जमा बीमा दावा प्राप्त राशि करने का हकदार होगा.

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