दिल्ली में अब हर तरह की बिजली चोरी पकड़ी जायेगी, इस तकनीक से सरकार को मिलेगी हर घर की जानकारी

नई दिल्ली : बिजली चोरी रोकने के लिए अब दिल्ली सरकार ने बड़े कदम उठाने का फैसला कर लिया है और इस विषय में कार्यवाही भी शुरू कर दी गई है. देखा जा सकता है कि तमाम कोशिशों के बावजूद भी चारों तरफ लोग बिजली चोरी करने से बाज नहीं आते हैं. और ये कई तरीके लगाकर नए नए प्लान बनाते हैं.

लेकिन अब बिजली चोरी करने वाले बच नहीं सकेंगे. क्योंकि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की मदद से इस बात की जानकारी ली जाएगी कि किस जगह कितनी बिजली चोरी हो रही है? साथ ही यह जानकारी भी कंपनियों को मिलेगी कि किस गली में और किस घर में कितनी बिजली चोरी हो रही है?

टेक्नोलॉजी की मदद से होगा बेहतर प्रबंधन

इस टेक्निक की मदद से उपभोक्ताओं को बिजली खपत का बेहतर प्रबंधन मिलेगा. पहले चरण में इस तकनीक को बांबे सबअर्बन इलेक्ट्रिक सप्लाई राजधानी पावर लिमिटेड के दक्षिण और पश्चिम दिल्ली में शुरू किया गया था. और इसके परिणामों का अध्ययन करने के बाद अब इसे पूर्वी और मध्य दिल्ली में भी लागू करने की योजना बनाई जा रही है.

अमेरिका की कंपनी करेगी मदद

इसके लिए अमेरिका की कंपनी बिजेल इस तकनीक में बीएसईएस की सहायता करेगी. और इसके लिए दोनों कंपनियों ने आपसी समझौता भी कर लिया है. इस विषय में बीएसईएस प्रवक्ता के अनुसार कंपनी के बिजली वितरण क्षेत्र में बिजली चोरी में काफी कमी रह गई है.

अगर आंकड़ों पर गौर करें तो ऐसा देखा जा सकता है कि जिस इलाके में यह कंपनी बिजली की सुविधाएं मुहैया करवा रही है उनमें महज 7% ही बिजली चोरी की संभावनाएं बच गई है. ऐसे में कहा जा सकता है कि तकरीबन 93% तक बिजली चोरी पर रोक लगाई जा चुकी है. और अब इसे दूसरे इलाकों में भी शुरू कर दिया जाएगा तो तकनीकी मदद से इस पर पूरी तरह से रोक लगाए जाने की संभावना जताई जा सकती है.

इस तकनीक से बिजली प्रबंधन में अच्छी मदद मिलेगी और किसी क्षेत्र में अगले दिन बिजली की कितनी मांग रहेगी इसका अनुमान भी मिल जाएगा? जिससे कहा जा सकता है कि बिजली चोरी के साथ ही साथ यह बिजली खपत के आंकड़ों को भी निर्धारित कर सकेगी. जिससे विभाग और जनता दोनों को सहूलियत प्रदान होगी और इससे कालाबाजारी करने वाले लोगों पर भी शिकंजा कसा जा सकेगा.

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