खाने के तेल की कीमतों को लेकर सरकार ने किया बड़ा फैसला, निर्धारित किए नए रेट
कमरतोड़ महंगाई: से आहत भारतीय जनता अब कुछ राहत की मांग कर रही है. लगातार रुपये का स्तर गिरता जा रहा है और महंगाई अपने चरम सीमा पर है. ऐसे में आम आदमी अपनी आजीविका कमाने में भी सक्षम नहीं है. बेरोजगारी दर भी पहले की अपेक्षा कई ज्यादा बढ़ चुकी है और महंगाई कम होने का नाम नहीं ले रही.
बिजली के बिल से लगाकर, खाने के तेल और गैस सिलेंडर तक के भाव आसमान छू रहे हैं. ऐसे में अब सरकार भी इनमें कीमतों को कुछ कम करने का विचार कर रही है. क्योंकि वैश्विक बाजार में भी खाद्य तेल की कीमतों में गिरावट देखी गई है. इसी विषय में हाल ही में खाद्य और उपभोक्ता मंत्रालय के साथ हुई बैठक के बाद खाद्य तेल प्रोसेसर और निर्माताओं ने तेल की कीमतों में कटौती करने पर अपनी सहमति जताई है.
विदेशी मार्केट में भी खाने के तेल की कीमतों में आई गिरावट के बाद घरेलू कीमतों में भी कटौती की जा सकती है. बताया जा रहा है कि गिरी हुई कीमतों का लाभ घरेलू उपभोक्ताओं को मिल सके इसके लिए सरकार भी प्रयासरत है. हालांकि इस विषय में अब तक कुछ भी स्पष्ट नहीं है लेकिन हो सकता है कि आने वाले कुछ दिनों में खाद्य तेल सस्ते हो जाए.
10 से 12 रूपए तक सस्ता हो सकता है तेल
सूत्रों की माने तो तेल बनाने वाली कंपनियों ने वैश्विक बाजार में तेल की कीमतों में आई नरमी के बाद घरेलू बाजार में भी खाद्य तेल की कीमतें कम करने पर अपनी सहमति जताई है. अब ऐसे में आने वाले दिनों में खाने के तेल की खुदरा कीमतों में 10 से 12 रूपए तक की गिरावट होने की संभावना जताई जा रही है. हालांकि पिछले महीने भी तेल निर्माताओं ने कीमतों में कुछ कटौती की थी.
लेकिन अब मंत्रालय का मानना है कि वैश्विक कीमतों में गिरावट के बाद घरेलू कीमतों में भी कटौती की गुंजाइश है. यदि तेल की कीमतों में गिरावट होती है तो यह भारतीय जनता के लिए एक शुभ समाचार होगा. क्योंकि पिछले काफी समय से जनता खाद्य तेल जैसी मामूली आवश्यक चीज़ो की बढ़ी हुई कीमतों को लेकर काफी परेशान हैं. ऐसे में यह उनके लिए एक सुखद समाचार होगा.