अब रेल में सफर करना होगा महंगा ! स्लीपर और एसी के लिए देने पड़ेंगे ₹450 तक ज्यादा

नई दिल्ली, भारतीय रेलवे :— हमारे देश में करोड़ों लोगों के लिए रेलवे यात्रा का एक सुगम और सस्ता साधन माना जाता है. लेकिन अब आम आदमी के लिए जहां एक तरफ देश भर में हर वस्तु के लिए महंगाई बढ़ती जा रही है वहीं इसी कड़ी में अब भारतीय रेलवे ने भी विभिन्न ट्रेनों को सुपरफास्ट बनाते हुए इनका किराया बढ़ा दिया है. जिससे कि अब यहां हर दिन यात्रा करने वाले लाखों लोगों को अपनी जेब ज्यादा ढीली करनी पड़ेगी.

गौरतलब है कि भारतीय रेलवे ने हाल ही में देशभर की 130 मेल ट्रेनों को सुपरफास्ट का दर्जा दिया है. जिसके चलते इन ट्रेनों की सभी श्रेणियों का किराया बढ़ा दिया गया है. जो कि सामान्य से कहीं ज्यादा है और इसका सीधा सा असर उन यात्रियों पर पड़ेगा जो कि इन ट्रेनों से रेगुलर यात्रा करते हैं.

जबकि इन सभी ट्रेनों में खानपान, यात्री सुरक्षा व सुविधाओं में किसी भी प्रकार की वृद्धि नहीं की है. जबकि सुविधाओं के बिना किसी प्रकार की वृद्धि किए बगैर ही रेलवे ने सभी श्रेणियों में किराया बढ़ा दिया है. जिससे कि साफ जाहिर होता है कि अब लाखों दैनिक यात्री इन ट्रेनों में सफर नहीं कर सकेंगे.

क्योंकि इनका किराया काफी हद तक बढ़ाया गया है. अब यहां बिना टिकट के सफर करने पर किराया और जुर्माना दोनों ही लिया जाएगा. इसके साथ ही साथ मेल एक्सप्रेस ट्रेनों में बेसिक किराए के साथ ही साथ रिजर्वेशन चार्ज, सुपर फास्ट चार्ज समेत जीएसटी भी लगाया जा रहा है.

कब किसी ट्रेन को किया जाता है एक्सप्रेस ट्रेन घोषित ?

यहां आपके जहन में यह सवाल जरूर ही उठ रहा होगा कि आखिर किन परिस्थितियों में एक ट्रेन को एक्सप्रेस ट्रेन कहा जाता है? तो बता दें की रेल नियमों के मुताबिक ऐसी कोई भी ट्रेन जो 56 किलोमीटर प्रति घंटा की औसत रफ्तार से चलती है उन्हें सुपरफास्ट का दर्जा दिया जाता है. इस विषय में विशेषज्ञों का कहना है कि भारतीय रेल तकरीबन 45 सालों से अपनी औसत रफ्तार बढ़ाने में नाकाम रही है.

और यहां चार दशकों से मेल एक्सप्रेस ट्रेनों की औसत रफ्तार 50 से 58 किलोमीटर प्रति घंटा है. जबकि केवल शताब्दी, दूरंतो और राजधानी जैसी ट्रेनें ही 70 से 85 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से चलती है. इन ट्रेनों को छोड़कर देश की लगभग सभी ट्रेनें ऐसी है जो अपने निर्धारित समय से देरी से स्टेशन पर पहुंचती है.

जिसके चलते स्पीड के मायनों को सुगम करने के लिए ही भारतीय रेलवे ने हाल ही में देश भर के तकरीबन 130 मेल ट्रेनों को सुपरफास्ट का दर्जा दिया है. और इसी के चलते यहां किराया लगभग ₹450 तक अतिरिक्त बढ़ा दिया गया है. जबकि यहां सुविधाओं में कोई भी इजाफा नहीं हुआ है.

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