दिल्ली मेट्रो ने बढ़ाई अपनी स्पीड : अब महज 15 मिनट में होगा पूरा सफर, रफ्तार 135 KM प्रति घंटा होंगी
नई दिल्ली : दिल्ली मेट्रो रेल कॉरपोरेशन लगातार दिल्ली में मेट्रो से संबंधित विभिन्न विकास कार्यक्रमों को आगे बढ़ा रहा है और इसके लिए डीएमआरसी लगातार कार्यरत हैं. अब दिल्ली मेट्रो रेल निगम ने फैसला किया है कि एयरपोर्ट लाइन मेट्रो की गति बढ़ा दी जाएगी. बता दें इसके लिए बोर्ड ने आवश्यक प्रक्रिया भी शुरू कर दी है और उम्मीद जताई जा रही है कि तकरीबन एक साल के भीतर इस कॉरिडोर पर औसतन कम से कम 120 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से मेट्रो दौड़ेगी.
इसके लिए नई दिल्ली रेलवे स्टेशन से इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट के टर्मिनल 3 मेट्रो स्टेशन पर अब यात्री महज 15 मिनट में ही पहुंच जाएंगे. वर्तमान समय में यह दूरी तय करने में तकरीबन 20 मिनट का समय लगता है. लेकिन मेट्रो की रफ्तार बढ़ने के साथ ही साथ यह समय है कम से कम मिनटों में सिमट जाएगा.
गौरतलब है कि नई दिल्ली से सारा द्वारका सेक्टर 21 के बीच एयरपोर्ट लाइन एक्सप्रेस की लंबाई तकरीबन 22.7 किलोमीटर है. बता दें कि इस लाइन पर नई दिल्ली, शिवाजी स्टेडियम, धोला कुआं, एरोसिटी, एयरपोर्ट टर्मिनल 3 और द्वारका सेक्टर 21 जैसे स्टेशन है. वर्तमान में इस रूट पर मेट्रो की गति 90 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से मौजूद है और यहां पर औसतन 80 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से मेट्रो चलती है.
जिसके चलते नई दिल्ली के किलोमीटर का सफर तय करने में 19–20 मिनट का समय लगता है. जिसके चलते डीएमआरसी का कहना है कि इस कॉरिडोर का निर्माण हाई स्पीड मेट्रो के परिचालन के लिए किया गया है. इस कार्य हेतु एयरपोर्ट एक्सप्रेस लाइन की औसतन गति 135 किलोमीटर प्रतिघंटा होने की बात कही जा रही है. यदि यह स्पीड स्वीकृत होती है तो उसके बाद ही औसतन स्पीड 120 किलोमीटर प्रति घंटा हो सकेगी.
चरणबद्ध तरीके से बढ़ेगी मेट्रो की स्पीड
इस विषय में डीएमआरसी का कहना है कि इस कोरिडोर पर मेट्रो की गति चरणबद्ध तरीके से बढ़ाई जाएगी और यह लगातार बढ़ेगी. इसके लिए सबसे पहले ट्रेक के टेंशन क्लैंप को बदलकर हाई फ्रीक्वेंसी का टेंशन क्लैंप लगाया जाना है. इसके बाद ही मेट्रो ट्रैक पर ऐसे उपकरण लगेंगे जिससे गति की निगरानी हो सकेगी.
इसके बाद में शुरू में मेट्रो की गति 100 किलोमीटर प्रति घंटा की जानी है और एक माह की निगरानी के बाद इसे बढ़ाकर 110 किलोमीटर प्रतिघंटा कर दिया जाएगा. जिसके अगले माह इसकी स्पीड 120 किलोमीटर प्रति घंटा होगी और लगातार छह महीने तक इस प्रक्रिया का ट्रायल होगा.