दिल्ली मेट्रो ई–ऑटो : सड़कों पर दौड़ने को तैयार दिल्ली मेट्रो की ऑटो, 300 महिलाएं संभालेंगी कमान
दिल्ली खास: दिल्ली मेट्रो के फीडर रूट्स पर अब आपको जल्द ही महिला ई ऑटो ड्राइवर नजर आने वाली है. दिल्ली मेट्रो के फीडर रोड पर अब पहली बार 50 इलेक्ट्रॉनिक ऑटो रिक्शा तैनात किए जा रहे हैं और ई ऑटो के अगले बैच के लिए 300 महिला ड्राइवरों को ट्रेनिंग दी जा रही है. इस विषय में दिल्ली मेट्रो रेल कॉरपोरेशन के प्रमुख कार्यकारी निदेशक अनुज दयाल ने कहा कि दिल्ली मेट्रो द्वारा ऑटो को राष्ट्रीय राजधानी में मेट्रो स्टेशनों से दिल्ली के अंतिम छोर तक कनेक्टिविटी के लिए उतारा जाएगा.
उन्होंने आगे बताया कि 50 ई-रिक्शा का बैच अगस्त से मेट्रो स्टेशन द्वारका सेक्टर 9 से संचालित होना है और उम्मीद की जा रही है कि इसे धीरे-धीरे शहर के बाकी हिस्सों में भी लागू किया जा सके. अनुज दयाल ने आगे कहा कि यह रिक्शा अंतिम छोर तक जाने में सक्षम होंगे और इससे यात्रा का अनुभव पहले से अच्छा होगा.
उन्होंने कहा कि यह पर्यावरण के लिए भी अनुकूल है और विशेष रूप से महिला यात्रियों को फायदा देंगे. क्योंकि वे उन्हें मेट्रो स्टेशनों से सुरक्षित रूप से आने-जाने में सुविधा प्रदान कराएंगी. वर्तमान समय में डीएमआरसी 3 फीडर रोड पर 56 इलेक्ट्रिक मिनी बसें संचालित कर रहा है जिसे अगले महीने बढ़ाकर 100 किए जाने की उम्मीद है.
हालांकि डीएमआरसी ने यह पाया है कि इन बसों को फीडर रोड पर चलाना ज्यादा व्यावहारिक नहीं है. इसीलिए बोर्ड इन बसों को दिल्ली सरकार को सौंपने का निर्णय ले रहा है जो छोटी बसों को छोटे रूटों पर चलाने की योजना बना रही है. इसके बजाय डीएमआरसी पूरे दिल्ली में विभिन्न सेवा प्रदाताओं के साथ सहयोग करके 650 ई ऑटो तैनात करेगा. यह संख्या अब द्वारका सेक्टर 9 से मेट्रो स्टेशनों पर तैनात किए गए 136 ई ऑटो की संख्या से अलग है.
इस विषय में डीएमआरसी ने ऑटो मोटर्स के साथ करार कर लिया है. जो महिलाओं को ड्राइविंग का प्रशिक्षण दे रहा है उस कंपनी ने गैर कार्यकारी उपाध्यक्ष दीपाकंर तिवारी ने कहा है कि उन्होंने पहले गुजरात में 100 महिलाओं को ई ऑटो चलाने के लिए प्रशिक्षित किया है. और गुजरात के बाद अब दिल्ली मेट्रो स्टेशनों पर 300 ऑटो जोड़े जा रहे हैं जो महिलाओं द्वारा संचालित होंगे. गौरतलब है कि दिल्ली सरकार के परिवहन विभाग में पिछले साल अक्टूबर में ही ऑटो के पंजीकरण की योजना शुरू कर दी थी जिसमें सरकार को 20,589 आवेदन मिले थे.
इन महिला ड्राइवरों को प्रशिक्षित करने के बाद दिल्ली सरकार की तरफ से महिला सशक्तिकरण के क्षेत्र में यह अच्छा योगदान माना जा रहा है. जो उन कामकाजी महिलाओं को सुलभता से कार्य करने के लिए प्रेरित करेगा जो कुछ सामाजिक बंधनों के चलते हर क्षेत्र में कार्य करने में हिचकिचाती है.