India में टाटा कंपनी बनाएगी अब iPhone : चीन को पीछे छोड़ने के लिए रतन टाटा ने कसी कमर

New Delhi, iPhone with Tata — हमारे देश में लाखों की संख्या में आईफोन लवर्स की तादाद है और लोग इसे खरीदने के लिए हमेशा बेसब्र रहते हैं. वहु कुछ ही समय में अब एप्पल का नया आईफोन मॉडल मार्केट में उतरने जा रहा है और इसके लॉन्च होने के साथ ही साथ अब आईफोन के यूजर्स इसका नया वर्जन खरीदने की जद्दोजहद में लगे हुए हैं.

लेकिन बहुत सी ऐसी संभावनाएं हैं कि आने वाले समय में अब आपको टाटा ग्रुप द्वारा बनाया गया आईफोन खरीदने का मौका मिल सकता है. दरअसल टाटा ग्रुप एप्पल के एक ताइवान सप्लायर से भारत में इलेक्ट्रॉनिक मैन्युफैक्चरिंग को जॉइंट वेंचर स्थापित करने हेतु बातचीत कर रहा है. और इस प्रकार से स्पष्ट है कि टाटा ग्रुप भारत में आईफोन असेंबल करने की चाहत रखता है.

माना जा रहा है कि टाटा ग्रुप विस्ट्रॉन को आपके साथ इस मुद्दे पर बातचीत करके खुद को टेक्नोलॉजी मैन्युफैक्चरिंग में ले जाने की प्लानिंग कर रहा है. कई रिपोर्ट्स का दावा है कि टाटा ग्रुप ताइवान की इस मैन्युफैक्चरिंग कंपनी की प्रोडक्ट डेवलपमेंट और सप्लाई चेन में अपनी विशेष नीतियों का उपयोग करने की इच्छा रखता है.

अगर दोनों कंपनियों के बीच बातचीत सफल हुई तो ?

अगर दोनों कंपनियों के बीच यह वार्ता सफल होती है तो माना जा सकता है कि टाटा आईफोन बनाने वाला पहला भारतीय कारोबारी ग्रुप के तौर पर उभरने जा रहा है. गौरतलब है कि वर्तमान समय में आईफोन की मुख्य रूप से ताइवान मैन्युफैक्चरिंग कंपनी को विस्ट्रॉन और फॉक्सकॉन टेक्नोलॉजी के जरिए असेंबल किया जाता है.

अगर दोनों ग्रुप के बीच बात बन जाती है तो यह चीन को चुनौती देने के मामले में एक बड़ा कदम होगा. जैसा कि आप सभी जानते हैं चीन का इलेक्ट्रॉनिक मैन्युफैक्चरिंग में बड़ा दबदबा है और कई मामलों में इसका एकाधिकार है.

लेकिन पिछले कुछ समय से राजनीतिक दबाव और अन्य कई कारणों से चीन और भारत के संबंध खतरे में नजर आते हैं. ऐसे में चीन पर अपनी निर्भरता कम करने हेतु यह कदम काफी कारगर साबित हो सकता है.

कहां तक पहुंची है बातचीत?

इस विषय में कुछ रिपोर्ट्स का दावा है कि इस डील का स्ट्रक्चर और डिटेल अभी अंतिम रूप से दिया जाना बाकी रह गया है. लेकिन माना जा रहा है कि टाटा विस्ट्रॉन के भारतीय परिचालन में हिस्सेदारी होने की पूरी संभावना है. केवल इतना ही नहीं यह दोनों ही कंपनियां इस कड़ी में एक साथ एक नया असेंबलिंग प्लांट भी बना सकता है और इसके लिए कोई प्रभावी कदम भी उठाए जा सकते हैं.

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