Jio 5G को बड़ा झटका, अडानी ग्रुप उतरा मैदान में; लॉन्च करने जा रहा 5G की सबसे सस्ती सर्विस

नई दिल्ली: कुछ समय पहले 5G स्पेक्ट्रम की नीलामी में जिओ, एयरटेल और वोडाफोन–आइडिया के साथ अडानी ग्रुप ने भी एंट्री ले ली थी. इसलिए यह कयास लगाए जाने शुरू हो गए थे कि अडानी ग्रुप अब जियो और एयरटेल को इस मामले में तगड़ी टक्कर देने वाला है. हालांकि कुछ समय बाद ही अडानी ग्रुप ने यह साफ कह दिया कि वह केवल ब्रांड टू ब्रांड स्पेस में ही कस्टमर को अपनी सेवाएं देना चाहता है.

ऐसे में अब साफ हो चुका है कि अडानी ग्रुप कंजूमर मोबिलिटी स्पेस में एंट्री नहीं चाहता है. वहीं रिपोर्ट्स कहना है कि अडानी ग्रुप अब 6 लाइसेंस सर्विस एरिया में अपनी सेवाएं देना शुरू करेगा. रिपोर्ट में दावा किया गया है कि अडानी डाटा नेटवर्क ने केवल 6 सर्किल में यूनिवर्सल लाइसेंस के लिए अप्लाई किया था. यह वही 6 सर्किल है जहां अडानी डाटा नेटवर्क पर स्पेक्ट्रम जरूरी होना है. यह ग्रुप फास्ट 5G नेटवर्क सुविधाओं की शुरुआत करने जा रहा है.

लेकिन कंपनी को रेगुलेटरी जरूरतों के लिहाज से लाइसेंस की जरूरत पड़ने वाली है. अब अडानी ग्रुप कंपनी ने स्पेक्ट्रम ऑक्शन में भी हिस्सा लिया है तो उनके पास लाइसेंस नहीं था. आपको बता दें कि अडानी डाटा नेटवर्क ने 26 गीगा हर्ट्ज में 400 मेगाहर्ट्ज का स्पेक्ट्रम खरीदा था. इसके लिए ग्रुप में तकरीबन 212 करोड़ रुपए खर्च किए थे.

आपको बता दें कि ग्रुप में मीट बैंड स्पेक्ट्रम में हिस्सा नहीं लिया था जो कंजूमर के लिए बहुत आवश्यक है. यानी मतलब साफ है कि अडानी ग्रुप ने भले ही स्पेक्ट्रम खरीदा हो. लेकिन वह जिओ, एयरटेल और वोडाफोन–आइडिया के 5G स्प्रेक्टम में दखल अंदाजी नहीं करना चाहता है.

अब कंज्यूमर स्पेस में एक नया मार्केट शुरू होने के बाद अडानी ग्रुप इसमें अपनी शिरकत करने जा रहा है. ऐसे में अंदाजा लगाया जा रहा है कि आने वाले कुछ समय में अडानी ग्रुप इसमें एंट्री करें और रिलायंस को यहां कांटे की टक्कर भी मिल जाए.

हालांकि अभी 5G सिम को लेकर काफी चर्चाएं चल रही है और कुछ रिपोर्ट का कहना है कि 5G सिम आवश्यक नहीं होगी.बल्कि यह 4G की सिम पर ही काम करना शुरू कर देगा. जबकि पहले ऐसा कहा जा रहा था कि 5‍G सर्विस का लुफ्त उठाने के लिए ग्राहकों को 5G सिम भी लगानी पड़ेगी.

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