नोएडा की मोहिता शर्मा ने अपने हुनर से की सैकड़ों लोगों की मदद, कर रही है जरूरतमंद लोगों की सहायता
दिल्ली एनसीआर, नोएडा :— डॉक्टर को भगवान के बाद धरती पर भगवान का रूप कहा जाता है. क्योंकि एक डॉक्टर हर परिस्थिति में एक व्यक्ति को जीवन दान देने का प्रयास करता है. साथ ही उसके रोगों का निदान भी करता है. लेकिन वर्तमान समय में देखा जाता है कि कई लोगों ने डॉक्टरी को महज अपना पेशा बना लिया है और उन्हें शिवाय पैसों के लोगों की सहायता करने से कोई आशय नहीं होता.
लेकिन इस स्वार्थी जमाने में भी हमारे समाज में कई ऐसे लोग हैं जो अपनी समाज सेवा की भावना के जरिए अपनी दरियादिली का उदाहरण पेश करते हैं. इस तरह के आपने आज तक कई उदाहरण देखें और सुने होंगे.
और उन्हीं में से एक है तिरुपति आई सेंटर की चेयरपर्सन डॉ मोहित शर्मा, जो जरूरतमंदों का न केवल निशुल्क उपचार करती है बल्कि उन्हें दवाएं भी देती है. आज के दौर में वाकई यह एक बड़ी बात है लेकिन डॉक्टर मोहित शर्मा जरूरतमंदों की सहायता करने से पीछे कभी नहीं हटती.
कर चुकी है एमबीबीएस की पढ़ाई
मोहिता शर्मा के बैकग्राउंड की बात करें तो बता दें कि उनका जन्म दिल्ली में ही हुआ. और उन्होंने दिल्ली के मौलाना आजाद मेडिकल कॉलेज से अपनी एमबीबीएस की पढ़ाई पूरी की. जिसके बाद यहीं से उन्होंने ओप्थोमोलोजि में एमएस की डिग्री हासिल की.
जिसके बाद परिवार की प्रेरणा पाते हुए उन्होंने नोएडा के सेक्टर 33 में साल 1998 में तिरुपति आई सेंटर की स्थापना की. और समय के साथ उन्होंने अपने अस्पताल में गरीब परिवार से ताल्लुक रखने वाले लोगों का मुफ्त में नेत्र ऑपरेशन करना शुरू कर दिया. वह लगातार 15 सालों से यह कार्य कर रही है और उन्होंने अब तक 8000 से अधिक लोगों का मोतियाबिंद का उपचार बिल्कुल निशुल्क किया है.
मोहित शर्मा चाहती तो अपने अस्पताल से केवल पैसे कमाने को अपना मुख्य विजन रख सकती थी. लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया और वह लगातार लोगों की मदद करती रही यहां तक कि कोरोना काल में जब पूरी दुनिया अस्त-व्यस्त हो चुकी थी तब भी उन्होंने लोगों की मदद करने में कोई कमी नहीं रखी.
इसके एक हालिया उदाहरण के बारे में चर्चा करें तो कोरोना काल के दरमियान उनके अस्पताल के एमरजेंसी में एक बच्चा अपने अभिभावकों के साथ आया. उसकी आंखों में कुछ परेशानी थी. अगर समय रहते उसकी आंखों का ऑपरेशन नहीं किया जाता तो वह आंखों की रोशनी खो सकता था. इस बच्चे की समस्या समझते हुए उन्होंने लोक डाउन के दरमियान भी उसका इलाज पूरा किया.
निशुल्क जांच शिविर लगाती है विभिन्न गांवों में
केवल इतना ही नहीं डॉक्टर मोहित शर्मा विभिन्न गांव, सेक्टर और सोसाइटी में नियमित रूप से स्वास्थ्य शिविर लगाते हुए लोगों की सहायता करती है. इन शिविर में वह गरीबों का मुफ्त में इलाज करती है साथ ही उन्हें दवाइयां भी मुफ्त में देती है.
पिता चिकित्सक तो मां लेखक
डॉक्टर मोहित शर्मा के पारिवारिक बैकग्राउंड के बारे में चर्चा करें तो उनकी माता मैत्रेई पुष्पा एक जानी-मानी हिंदी लेखिका है. वहीं उनके पिता डॉ आर सी शर्मा पेशे से एक चिकित्सक है. डॉ मोहिता शर्मा कहती हैं कि चिकित्सक होने के चलते ही उन्हें अपने परिवार से समाज सेवा की प्रेरणा मिली. वह कहती है कि अगर हम मन में कुछ भी ठान ले तो हर मुश्किल आसान हो जाती है.
अगर हमारे मन में समाज हेतु कुछ करने का जज्बा है तो कोई भी कार्य कठिन नहीं है. हमारी पूरी टीम डॉक्टर मोहिता शर्मा के इस जज्बे की सराहना करती है और अपेक्षा करती है कि समाज में ऐसे अधिक से अधिक भामाशाह जागृत हो.