दिल्ली में प्रदूषण के सबसे बड़े कारण है ये वाहन, प्रदूषण में 50% हिस्सेदारी है इन वाहनों की

नई दिल्ली : राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र समेत देश के विभिन्न इलाकों में पिछले कुछ समय से पर्यावरण प्रदूषण सबसे बड़ी समस्या बनकर सामने आया है. जो जनता को लगातार बीमार कर रहा है और बड़े जलवायु परिवर्तन कर रहा है. गौरतलब है कि दुनिया में सर्वाधिक प्रदूषित 20 शहरों में से 18 शहर भारत में है. यह आंकड़े इतने चिंताजनक है कि इसका साफ असर चारों तरफ देखा जा सकता है.

इसका सबसे बड़ा कारण है फैक्ट्रियों और वाहनों से निकलने वाला धुआं, लेकिन विशेषज्ञों की मानें तो इनमें सबसे बड़ी जिम्मेदारी दो पहिया वाहनों की है. इसीलिए अब आवश्यक हो गया है कि ऐसे वाहनों से होने वाले प्रदूषण को तत्काल ही कम किया जाए. यही कारण है कि अब इलेक्ट्रिक वाहनों की दिशा में कदम उठाना बेहद आवश्यक हो चुका है.

इलेक्ट्रिक वाहन को खरीदना इसलिए भी आसान है क्योंकि यहां आपको खरीदारी के लिए किसी भी प्रकार की रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया से नहीं गुजरना पड़ता. निश्चित तौर पर आसपास के लोगों को इलेक्ट्रिक वाहन खरीदते हुए आपके मन में भी इस तरह के प्रश्न उठते होंगे. कि इन्हें खरीदते समय आपको किन बातों का ध्यान रखना चाहिए? आप ऐसा भी सोचते हैं कि वर्तमान में इनका इतना ज्यादा चलन नहीं है तो यह कोई गलत फैसला तो नहीं है.

देखा जा सकता है कि लोगों के मन में इलेक्ट्रिक वाहन को लेकर कई प्रकार की शंकाएं हैं. इसीलिए इन्हें दूर करने के लिए एडमिन ब्लॉक एडवाइजरी के इंडिया पैनल ने ऐसी पांच बातें कही है जिन्हें आप को पहले से ही पता होना चाहिए और यह आपकी ऐसे किसी फैसले में मदद करेंगे.

अगर आप भी कोई इलेक्ट्रिक वाहन खरीदना चाहते हैं तो आपको सबसे पहले उस वाहन की रेंज देखनी चाहिए. अतः इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि एक बार चार्ज होने के बाद आप इस इलेक्ट्रिक वाहन को कितने किलोमीटर तक चला सकते हैं? जिसके बाद आपको उस वाहन की चार्जिंग कैपेसिटी को मद्देनजर रखना चाहिए. चार्जिंग कैपेसिटी के बाद सबसे महत्वपूर्ण हिस्सा चार्जिंग इनलेट और चार्जिंग पॉइंट का होता है. इसके बाद ही आपको व्हीअल की स्पीड और सब्सिडी के साथ अन्य फायदों के बारे में सोचना चाहिए.

Similar Posts