दिल्ली की इस बावली में नहाने से दूर होता है चर्म रोग, डुबकी लगाएँ और होंगे सारे रोग दूर
New Delhi, Rajon Ki Baoli :— दिल्ली में कई प्रसिद्ध बावलियां स्थित है जो अपनी ऐतिहासिक विरासत को अपने आप में समेटे हुए हैं. लेकिन भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण ने लंबे समय से इनकी कोई सुध नहीं ली है. जिसके चलते इन ऐतिहासिक स्मारकों की हालत खस्ता हो चुकी है.
जिसके बाद अब जाकर एएसआई अर्थात् भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण को इनकी खबर लेने की सूझी है. और इसी के चलते दक्षिणी दिल्ली की अब दो बावलियों में कई सालों बाद संरक्षण कार्य करवाया गया है. और भविष्य में और भी कई बावलियों का संरक्षण कार्य कराने की योजना है.
वर्तमान समय में यहां राजों की बावली और गंधक बावली की दशा सुधारने का काम किया गया है. जिसके चलते राजों की बावली में अब नाले से उस पानी के रोक दिया गया है जो वर्षों से इस बावली में भर रहा था. इसके साथ ही अब नगर निगम ने इस नाले की मरम्मत कार्य भी करवाने का फैसला लिया है.
महरोली स्थित राजों की बावली के बारे में कहा जाता है कि कुतुब मीनार की नींव रखने वाले कुतुबुद्दीन ऐबक के दामाद इल्तुतमिश ने अपनी बेटी रजिया हेतु इसका निर्माण करवाया था. लेकिन लंबे समय से इनका संरक्षण कार्यक्रम ना होने के चलते इनकी हालत बेहद खस्ता हो चुकी है. और इसी के चलते अब एएसआई ने इनकी सुध ली है. जिसके चलते बावली के मुख्य गेट के दरवाजे की मरम्मत करवाई गई है. साथ ही यहां सीढ़ियों को भी ठीक किया गया है और बावली के एक भाग में यहां जीने की मरम्मत भी करवाई गई है.
इस बावली में नहाने से दूर हो जाता था चर्म रोग ?
वही यहां प्रसिद्ध गंधक की बावली भी महरौली में ही है. जिसे भी इल्तुतमिश के शासनकाल में 1211–1236 के दौरान बनवाया गया था. कुछ लोग आज भी इस बावली में नहाने आते हैं. जबकि क्योंकि यहां का इतिहास कहता है कि इस बावली के पानी में नहाने से चर्म रोग ठीक हो जाता है.
हालांकि इसकी वर्तमान दशा को देखते हुए यह कहना बिल्कुल भी लाजिम नहीं होगा. लेकिन लोगों का मानना यही है कि इस में नहाने से चर्म रोग संबंधित सारी समस्याएं दूर हो जाती है. और इसी मान्यता के चलते लोग यहां नहाने में काफी रुचि लेते हैं.