दिल्ली निवासियों को मिलने जा रहा है यह शानदार पार्क, कबाड़ से बनेगा सारा नजारा : जानें और भी खास बातें
नई दिल्ली : दिल्ली के आईटीओ के बहादुर शाह जफर मार्ग पर आजादी के अमृत महोत्सव के पार्क का निर्माण कार्य जल्द ही शुरू होने को है. इसके लिए पार्क के चारों तरफ ग्रीन शेड भी लगा दी गई है और आने वाले दिनों में इसका काम शुरु होता हुआ दिखाई देगा. उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने इस पार्क के निर्माण का शिलान्यास 23 जुलाई को ही कर दिया गया था और अब कुछ ही समय में इसका निर्माण कार्य पूरा होने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है.
इस पार्क को निजामुद्दीन स्थित वेस्ट टू वंडर और भारत दर्शन पार्क की तर्ज पर विकसित किया जा रहा है. क्योंकि इस पार्क का नाम आजादी का अमृत महोत्सव है इसलिए इस पार्क में आजादी के लिए चलाए गए आंदोलन का भी विशेष उल्लेख किया जाएगा.
इस पार्क की सबसे बड़ी खासियत यही होगी कि यहां आजादी के नायकों की वीरता का वर्णन किया जाएगा. फिलहाल इस पार्क में बलिदानी भगत सिंह, राजगुरु और सुखदेव की प्रतिमा भी लगी हुई है. जो युवाओं को प्रेरणा देने का कार्य कर रही है. निगम के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा है कि यहां अधिकतर प्रतिमाएं निगम अपनी विभिन्न वर्कशॉप में ही तैयार कर रहा है. इसलिए पार्क में फिलहाल कोई जमीनी स्तर पर कार्य शुरू नहीं हुआ है.
वहीं पार्क की सुरक्षा और परियोजनाओं को समय से पूरा करने हेतु इसके चारों तरफ ग्रीन शेड लगाई गई है. जिसका मुख्य उद्देश्य इस पार्क को असामाजिक तत्वों से बचाना भी है. उन्होंने बताया है कि इसका नक्शा पूरी तरह से तैयार हो चुका है. और वर्कशॉप में प्रतिकृतियों के निर्माण के साथ ही साथ पार्क में आने वाले दिनों में विभिन्न विशेष तैयारियां करने की योजना है.
पहले इन प्रतिकृतियों का निर्माण अपनी वर्कशॉप में कराया जा रहा है ताकि इन्हें आसानी से लाकर स्थापित किया जा सके. अधिकारियों ने इस विषय में कहा है कि वर्कशॉप में प्रतिकृतियों के निर्माण करने से उनका समय भी बचता है. और साथ ही मौसम में होने वाले बदलावों से आने वाले व्यवधान भी नहीं होते.
पार्क में होगा राजा दुष्यंत और शकुंतला का विवरण
गौरतलब है कि इस पार्क में राजा दुष्यंत और उनकी पुत्र शकुंतला के भरत जिनके नाम पर भारत का नामकरण हुआ है उनका भी विशेष विवरण दिया जाएगा. इसके साथ ही यहां तात्या टोपे और स्वामी विवेकानंद समेत विभिन्न महान नायकों की बड़ी प्रतिकृतियां भी बनाई जा रही है.
सबसे अहम बात यह है कि इन सभी प्रतिकृतियों का निर्माण कबाड़ से किया जा रहा है. ऐसे में यह बेहद पर्यावरण हितैषी भी होगा. और ऐसे विभिन्न कबाड़ का प्रयोग भी हो सकेगा. यह कुल सवा 4 एकड़ में फैला हुआ है जिसमें 16 करोड़ की लागत आने का अनुमान है.