खुशखबरी: अब दिल्ली में ड्राइविंग टेस्ट में होंगे सभी पास; ऑटोमेटेड ट्रैक के नियमों में होंगे ये बदलाव

Delhi: दिल्लीवासियों को अब जल्द ही एक बड़ी राहत मिल सकती है. दरअसल ऑटोमेटेड ड्राइविंग ट्रैक पर अब ड्राइविंग लाइसेंस के लिए टेस्ट में फेल होने वालों की संख्या में कमी लाने हेतु दिल्ली परिवहन विभाग नियमों में बड़ा बदलाव करने का विचार बना रहा है. क्योंकि ऐसा देखा गया है कि ड्राइविंग लाइसेंस हेतु आवेदन कर्ता बड़ी संख्या में टेस्ट में फेल हो जाते हैं और आगे की प्रक्रिया नहीं कर पाते.

इसीलिए अब नियम संशोधन हेतु दिल्ली परिवहन विभाग ने तीन सदस्यीय एक कमेटी गठित की. जिसमें उन्होंने अपनी सिफारिश विभाग को सौंपी है. इन सिफारिशों पर वर्तमान में चर्चा की जा रही है. इस विषय में परिवहन विभाग के आयुक्त आशीष कुंद्रा ने कहा है कि कमेटी ने ड्राइविंग टेस्ट के नियमों में कुछ बदलाव करने के सुझाव दिए हैं.

जिन पर चर्चा की जा रही है और हो सकता है कि जल्द ही इन्हें लागू भी कर दिया जाए. दिल्ली में ऑटोमेटिक ड्राइविंग टेस्ट ट्रैक पर ड्राइविंग लाइसेंस के लिए टेस्ट देते हुए बड़ी संख्या में लोग फेल हो रहे हैं और इस समस्या को दूर करने हेतु परिवार परिवहन विभाग ने कुछ सुझाव मांगे थे.

कमेटी ने अपनी सिफारिश विभाग को दे दी हैं और बताया है कि टेस्ट के दौरान गाड़ी बैक करते वक्त पीली रेखा छूने वाले आवेदकों को फेल ना माना जाए. जबकि रिकॉर्ड के अनुसार ड्राइविंग लाइसेंस फेल में होने का सबसे बड़ा कारण यही है. इसके अलावा भी इस कमेटी ने कई सुझाव दिए हैं.

कमेटी के सुझाव

इस कमेटी ने अपने सुझावों में गाड़ी को बैक करने और रोकने के नियमों में बदलाव करने की सिफारिश की है. वर्तमान में गाड़ी को बेक करने के लिए आवेदकों को 180 सेकंड का समय दिया जाता है. जबकि कमेटी ने इसे बढ़ाकर 200 सेकंड करने का सुझाव दिया है. कमेटी ने कहा है कि 50 से 60% लोग टेस्ट में केवल पीली लाइन की वजह से फेल होते हैं.

इसे बदला जाए और अब रेड लाइन टच होने पर आवेदकों को फेल माना जाए. वहीं सीट बेल्ट को रोड सेफ्टी से जुड़ा एक बेहद जरूरी अंग मानते हुए कमेटी ने बताया है कि कई बार आवेदक ड्राइविंग टेस्ट पूरा कर लेता था. लेकिन बाद में पता चलता है कि उसमें सीट बेल्ट ही नहीं लगाई है.

लेकिन अब इसे टेस्ट के दौरान अनिवार्य बनाए. इसके अलावा कमेटी ने बूम बैरियर को भी अनावश्यक बताते हुए कहा है कि उसे हटा दिया जाए. इसी प्रकार टेस्ट के दौरान मोड़ पर चालक का पैर जमीन पर टच होने पर फेल ना करने का सुझाव भी कमेटी ने प्रेषित किया है.

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