ऑनलाइन खाना मंगवाने की आदत है ? तो हो जाइए सावधान! कहीं आपके साथ तो नहीं हो रहा ऐसा?

अगर आप भी बाहर के होटल रेस्टोरेंट के खाने के शौकीन हैं और वहां जाने से बचना चाहते हैं और ऑनलाइन खाना मंगवाते हैं तो यह खबर आपके लिए काफी उपयोगी है. अगर आप उनमें से हैं जो एक विद्यार्थी अथवा किसी ऑफिस में काम कर रहे हैं और अपने शेड्यूल के चलते हैं रोज खाना नहीं बना सकते हैं और ऑनलाइन खाना खाते हैं तो भी इस खबर पर ध्यान दीजिए.

अगर आप रोज ऑनलाइन खाना मंगवाते हैं तो क्या कभी आपने सोचा है कि आपके खाने की कीमत से ज्यादा पैसे आपसे सुविधाओं के नाम पर लिए जाते हैं?

आजकल देखा जा रहा है कि ऑनलाइन फूड की डिलीवरी करने वाली स्वीगी और जोमैटो जैसी कंपनियां अपने ग्राहकों से 50 फ़ीसदी से अधिक कीमत वसूल कर रही है. इस विषय में पत्रिका की टीम ने कई ग्राहकों से बातचीत की और उनके ऑर्डर के बारे में जाना तब उनके सामने आया कि यह कंपनियां खाने के अलावा मोटे चार्ज वसूल रही है.

पत्रिका की पड़ताल में सामने आया कि दाल, रोटी से लेकर पनीर और दम आलू की सब्जी में रेस्टोरेंट और कंपनियों के मोबाइल एप पर बताए गए रेट में बेहद अंतर है. इसके बाद भी ग्राहकों से टैक्स और डिलीवरी चार्ज लिया जाता है. यह सामान्यतया 60 से 100 रूपए तक वसूला जाता है.

वहीं अगर डिलीवरी ब्वॉय की तनख्वाह के बारे में बात करें तो हर डिलीवरी ब्वॉय को एक आर्डर पर 20 से 80 रूपए मिलते हैं. हालांकि यह चार्ज दूरी पर निर्भर करता है और मौसम खराब होने की स्थिति में चार्ज बढ़ जाता है. लेकिन पूरा पैसा डिलीवरी ब्वॉय को नहीं मिल पाता.

डिलीवरी ब्वॉय त्योहारों पर प्रोत्साहन राशि पाते हैं और अगर उनका फीडबैक अच्छा है तो उन्हें पैसा भी बढ़िया मिलता है लेकिन इसके अलावा उन्हें कोई भी पैसा नहीं दिया जाता. इसके बाद का सारा ही पैसा कंपनियां अपने खाते में ही रख लेती है जहां खाने की कीमतों के साथ ही साथ ग्राहकों से मोटा पैसा वसूला जाता है जिसमें टैक्स और सर्विस चार्ज जैसी चीजें भी जोड़ दी जाती है.

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