दिल्ली में शुरू हो गया है Central Vista, आम लोग ले रहे है घूमने का मज़ा- ये 20 जगह है सबके आकर्षण का केंद्र
दिल्ली के दिल कनॉट पैलेस के नजदीक नवनिर्मित सेंट्रल विस्टा को राष्ट्रीय राजधानी का मुख्य चेहरा माना जा रहा है. चारों तरफ हरियाली और मॉडर्न टेक्नोलॉजी के बीच आकर्षक तरीके से बने हैं सेंट्रल विस्टा को लेकर लोगों को काफी एक्साइटमेंट है और इसे देखने के लोग आतुर हो रहे हैं. सबसे खास बात यह भी है कि यहां आने वाले नागरिकों को अपने वाहनों की पार्किंग अब ज्यादा दूर नहीं करनी पड़ेगी और यहां 24 घंटे सुरक्षा की व्यवस्था भी शानदार तरीके से की गई है.
केवल इतना ही नहीं देशवासियों के अलावा विदेशी मेहमानों के लिए भी एक यह एक आकर्षक स्थल बनकर उभरेगा. क्योंकि इसके सामने ही राजपथ है. ऐसे में संभावना है कि आने वाले समय में विदेशी मेहमान देश की प्रमुख हस्तियों के साथ यहां चलते हुए नजर आएंगे.
यहां 16 किलोमीटर तक लंबा चलने का स्थान है. इसके साथ ही यहां लाल ग्रेनाइट पत्थर की 422 बेंचो का निर्माण भी किया गया है ताकि लोगों के बैठने की व्यवस्था उत्तम प्रकार से हो सके.
तो आइए जानते हैं इस नवनिर्मित सेंट्रल विस्टा की कुछ खास बातें विस्तार से –
1– सेंट्रल विस्टा में सभी पेड़ों को पानी देने के लिए आधुनिक सिंचाई की व्यवस्था की गई है. जिसमें बहुत महीन सिंचाई उपकरण लगाए गए हैं. इनमें मानवीय श्रम नहीं लगेगा और मशीनों द्वारा ही सिंचाई की प्रक्रिया पूरी होगी.
2– यहां 1,000 से अधिक लाइट पोल है. और 1000 से अधिक वाहनों के लिए यहां पार्किंग सुविधा की गई है.
3– क्योंकि सेंट्रल विस्टा राष्ट्रपति भवन से कुछ ही दूरी पर स्थित है और इस परियोजना में प्रधानमंत्री से लेकर उपराष्ट्रपति का आवास भी बनाया जाना है. ऐसे में यहां स्वच्छता का पूरी तरह से ध्यान रखा गया है और जगह-जगह कूड़े दान लगाए गए हैं.
4– संभावना है कि आने वाले कुछ समय में सेंट्रल विस्टा विदेशी मेहमानों के लिए भी आकर्षण का केंद्र बने. ऐसे में यहां पर आकर्षित प्रतिकृतियां लगाई गई है और सेंट्रल विस्टा से संबंधित समस्त प्रकार की जानकारी भी दी गई है.
5– गौरतलब है कि सेंट्रल विस्टा का निर्माण भविष्य को देखते हुए बनाया गया है. जिसके चलते यहां तारों का किसी भी प्रकार का जंजाल दिखाई नहीं देगा. यहां मौजूद सभी तारों की व्यवस्था भूमि के तरीके से की गई है और इसके लिए विशेष सुरंगों का निर्माण भी किया गया है. इसमें बिजली से लेकर सीसीटीवी, इंटरनेट और सेना से संबंधित विभिन्न उपकरणों का तार सिस्टम भूमिगत तरीके से ही किया गया है.