मौका दिल्ली NCR से जयपुर तक इलेक्ट्रिक बसों में फ्री यात्रा करने का, NHEV पर करें अपनी फ्री सीट बुक

गुड़गांव–जयपुर : हाल ही में नेशनल हाईवे फॉर इलेक्ट्रिक व्हीकल अर्थात् एनएचईवी ने इलेक्ट्रिक हाईवे के ट्रायल के दौरान आम जनता को गुड़गांव से जयपुर तक फ्री राइडिंग का मौका दिया है. जिसके चलते सप्ताह में एक दिन शुक्रवार को गुड़गांव और शनिवार से जयपुर से इलेक्ट्रिक बस में सफर किया जा सकता है. इस ट्रायल में शामिल होने वाली यात्री को एक दिन पहले बोर्ड की आधिकारिक वेबसाइट NHEV.in के पोर्टल पर जाकर खुद का रजिस्ट्रेशन कराना होगा और अपनी सीट बुक करनी होगी.

बता दें कि यहां गुड़गांव की यात्री इफको चौक और राजीव चौक से इन बसों में सफर कर सकते हैं. वहीं बोर्ड ने ट्रायल में शामिल होने वाली टैक्सियों के लिए किराया भी तय कर दिया है. दिल्ली और गुड़गांव से यह किराया 3500 से 4500 रखा गया है. यह किराया तुलनात्मक रूप से डीजल की इनोवा से 30 से 50 फीसदी तक सस्ता है.

आपको बता दें कि इस हेतु टैक्सी सरहौल बॉर्डर के पास एंबिएंस मॉल, शंकर चौक, साइबर सिटी, इफको चौक, राजीव चौक समेत तक अपने घर और कंपनी के बाहर से भी बुक की जा सकती है. वर्तमान समय में यहां 25 बसें और 100 से अधिक कैब को ट्रायल हेतु चलाया जा रहा है.

यहां ट्रायल पार्टनर के रूप में दिल्ली IIT की Delhi research implementation and innovation यानी DRIIV ने भी अपने चार इलेक्ट्रिक वाहन इस ट्रायल में शामिल किए हैं. आपको बता दें यह विंग सिटी इनोवेशन क्लस्टर के तौर पर काम करती है. जो कि इलेक्ट्रिक हाईवे के परिचालन से लेकर अपनी रिपोर्ट तैयार करेगी और इसके बारे में समस्त जानकारी भारत सरकार को सौंपेगी.

बता दें कि इसी रिपोर्ट के आधार पर सरकार एनएचईवी को लेकर अगला फैसला लेगी. वहीं कुछ ही समय बाद इस ट्रायल के दूसरे दिन यहां भारत सरकार के वैज्ञानिक सलाहकार टीम भी शामिल हुई जो पूरे ट्रायल के दौरान विशेषज्ञों के साथ होंगे.

ट्रायल के लिए प्रोजेक्ट डायरेक्टर के विचार

इस विषय में एनएचईवी के प्रोजेक्ट डायरेक्टर अभिजीत सिन्हा ने कहा कि पहले दिन मैंने खुद बस में जयपुर तक का सफर करके ग्राउंड जीरो टेस्ट किया है. यहां पहले दिन के रिजल्ट अच्छे सामने आए हैं. ब्रेकडाउन पर 30 मिनट तक का अधिकतम समय रखा गया था. लेकिन 21 से 22 मिनट के अंदर ही यहां हेल्प टीम पहुंच गई. वहीं आम जनता के लिए यहां फ्री राइडिंग रहेंगी हालांकि इसके लिए उन्हें पहले बुकिंग करानी पड़ेगी.

कंट्रोल कमांड सेंटर से होगी निगरानी

आपको बता दें कि यहां ट्रायल के दौरान यात्री की सुरक्षा हेतु कमांड कंट्रोल सेंटर से इलेक्ट्रिक वाहन की निगरानी की जा रही है. अधिकारी ड्राइवर और पैसेंजर से वीडियो कॉल पर बात करके फीडबैक ले रहे हैं. वहीं बस और कैब की रनिंग कॉस्ट, प्रति पैसेंजर किराया, ब्रेकडाउन पर मिलने वाली सहायता और प्रतिदिन कितना खर्च बचेगा और प्रदूषण की कमी का डाटा तैयार किया जा रहा है. ताकि इस संबंधित आगामी प्रोजेक्ट्स को लेकर विस्तृत योजना बनाई जा सके.

Similar Posts