अब दिल्ली NCR Noida में अवैध कॉलोनियों पर चला बुलडोजर, आगे इन कॉलोनियों पर भी होंगी कार्यवाही
Delhi NCR, UP ; Greater Noida :— देश में कई जगह अवैध निर्माण के खिलाफ विभिन्न अभियान चलाए जा रहे हैं और इसका एक उदाहरण हाल ही में ग्रेटर नोएडा में भी देखा गया है. जहां ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण ने हाल ही में इकोटेक 10 में औद्योगिक जमीन पर अवैध निर्माण के खिलाफ सख्त कार्यवाही करते हुए तकरीबन 21000 वर्ग मीटर जमीन पर अवैध कब्जा हटाया है. बता दें कि कब्जा मुक्त जमीन की कीमत तकरीबन 65 करोड़ अनुमानित है.
कब्जा हटाने हेतू ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण की टीम पुलिस के साथ ईकोटेक 10 पहुंची. जहां पर इलाके में कॉलोनाइजर और ईट भट्टा उद्योग से जुड़े लोगों ने यहां अवैध कॉलोनी बना रखी थी. यहां पर टीमवर्क में सर्किल 7 के वरिष्ठ प्रबंधक शामिल थे.वरिष्ठ प्रबंधक के साथ ही साथ यहां प्रबंधक और सहायक प्रबंधक भी मौके पर मौजूद रहे.
बता दें कि इस विषय में ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के प्रभारी जी एम प्रोजेक्ट सलिल यादव ने कहा है कि इकोटेक 10 में 8 औद्योगिक भूखंडों पर यहां अवैध कब्जा हो रखा था जो कि लंबे समय से इनकी दबिश में था. जिसके चलते यहां के अतिक्रमण से विभिन्न उद्यमी उद्योग नहीं लगा पा रहे थे.
जिसके बाद प्राधिकरण ने यहां पर सख्त कार्यवाही करते हुए अवैध अतिक्रमण हटाया है. और इसके लिए आठ बुलडोजर और पोकलेन मशीन की मदद ली गई. जिसमें तकरीबन 2 घंटे का समय लगा और इस उपरांत यहां 21000 वर्ग मीटर जमीन को अवैध कब्जे से मुक्त कराया गया है.
क्या है प्रशासन का कहना ?
इस विषय में सलिल यादव ने आगे कहा कि अवैध कब्जों से मुक्त करवायी गई जमीन की अनुमानित कीमत तकरीबन 65.10 करोड़ रुपए है और यह अधिक भी हो सकती है. यहां अतिक्रमण हटाने से विभिन्न प्लॉट पर उन लोगों को कब्जा मिलने का रास्ता साफ हो चुका है जिन्हें यह आवंटित किए जा चुके हैं. और वे यहां आसानी से अपना उद्योग लगा सकेंगे. जिससे क्षेत्र विशेष में विकास कार्यक्रमों को बढ़ावा मिलेगा साथ ही उनके मालिकों को भी जमीन का मालिकाना हक प्राप्त हो सकेगा.
होगी सख्त कारवाही
बता दें कि इसके साथ ही ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के एसीईओ दीपचंद्र ने अधिसूचित और अधिग्रहण क्षेत्र में अतिक्रमण करने वालों के लिए सख्त कार्यवाही करने की चेतावनी दी है. उन्होंने कहा कि अतिक्रमण हटाने का अभियान लगातार जारी रहेगा और सभी आवंटित की गई भू भागों को साफ करने के लिए विभिन्न कार्यक्रम चलाए जाएंगे. इसके लिए ऐसी जमीनों का निरीक्षण करके उन पर जल्द से जल्द कार्यवाही की जाए और यहां के मालिकों को उनका मालिकाना हक दिया जाए.