अगर इस कारण से छूट गई है आपकी फ्लाइट तो मिलेगा ब्याज समेत पूरा किराया वापस, जानें एयरलाइन का नया नियम
नई दिल्ली : अगर आप हवाई अड्डे पर हवाई यात्रा करने के लिए जाते हैं और एयरपोर्ट पर बैठे बैठे अपनी फ्लाइट का इंतजार कर रहे हैं. आप अपनी फ्लाइट की अनाउंसमेंट का इंतजार करते हैं और फ्लाइट का अनाउंसमेंट नहीं होता है. अगर इस परिस्थिति में आपकी फ्लाइट छूट जाती है तो आपको घबराने की कोई आवश्यकता नहीं है. क्योंकि सरकार ने इस परिस्थिति के लिए खास प्रावधान किया है जिसमें आपके टिकट के पूरे पैसे आपको सूद समेत वापस मिलते हैं.
इस विषय में दिल्ली में हाल ही में जिला उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग ने इस प्रकार का फैसला सुनाया है. दरअसल हुआ कुछ यूं कि शाहदरा स्थित हरदेवपुरी में रहने वाले विष्णु दत्त 19 सितंबर 2018 को दिल्ली से हैदराबाद जाने के लिए इंडिगो की फ्लाइट की 3 बुकिंग करवाई थी.
विष्णु दत्त को हैदराबाद अपने बेटे के संबंध में एक डॉक्टर से परामर्श के लिए जाना था. इसके साथ ही उन्होंने अगले दिन लौटने के लिए दूसरी विमानन कंपनी की फ्लाइट टिकट की बुकिंग भी करवाई थी. जिसके बाद विष्णु दत्त शर्मा ने उत्तरी पूर्वी जिला उपभोक्ता निवारण आयोग में शिकायत की है कि वह दिल्ली से हैदराबाद जाने की फ्लाइट में निर्धारित समय से पहले एयरपोर्ट पहुंचे. लेकिन विमान कंपनी की ओर से अनाउंसमेंट ना होने के कारण उनकी फ्लाइट छूट गई.
जिसके बाद उन्होंने विमानन कंपनी से टिकट के रुपए वापस मांगे. लेकिन कंपनी ने यह पैसे लौटाने से इंकार कर दिया. इसकी वजह से उनकी लौटने की फ्लाइट की टिकट के पैसे भी बर्बाद हो गए और उन्हें काफी ज्यादा शुल्क देना पड़ा.
विमानन कंपनी को जारी करवाया नोटिस
विष्णु दत्त ने इस पूरे मामले की शिकायत आयोग से की और उन्होंने विमानन कंपनी को नोटिस जारी करवाने की गुहार लगाई. जिसके बदले में विमानन कंपनी ने अपना पक्ष रखते हुए कहा कि टिकट पर फ्लाइट में बोर्डिंग और प्रस्थान का समय अंकित था. और यह बात विष्णु दत्त शर्मा जानते थे. साथ ही यह आरोप लगाया कि वह अपने साथी यात्रियों के साथ समय पर नहीं पहुंचे और बोर्डिंग गेट पर कई बार मैनुअल अनाउंसमेंट की गई.
कंपनी ने यह बात स्पष्ट करने का प्रयास किया कि शिकायतकर्ता और उनके साथी यात्रियों की खुद की लापरवाही की वजह से उनकी फ्लाइट छूटी और यह जानकारी उन्होंने आयोग के साथ दी. जिसके बाद दोनों पक्षों को सुनने के बाद आयोग के अध्यक्ष सुरेंद्र कुमार शर्मा और सदस्य अनिल कुमार बांबा ने माना कि विमानन कंपनी का दायित्व था कि वह प्रतीक्षारत यात्री के लिए पर्याप्त अनाउंसमेंट करें.
और कंपनी की ओर से किसी ना किसी कार्यकर्ता से सीधा संपर्क किया हो, इसका कोई प्रमाण भी नहीं है. यह देखते हुए आयोग ने आदेश में कहा कि विमानन कंपनी ने शिकायतकर्ता से टिकट शुल्क के रूप में ₹7224 प्राप्त किए थे. जिनमें से सभी पैसे उन्हें सूद समेत वापस चुकाएं है और क्षतिपूर्ति के तौर पर ₹20000 की राशि दे.