दिल्ली मेट्रो को निजी हाथों में दिया जाना पड़ा महंगा ? 4 दिन बाद ही आया DMRC का बड़ा बयान सामने

दिल्ली मेट्रो : वर्तमान समय में हजारों करोड़ रुपए घाटा बताकर दिल्ली मेट्रो रेल निगम क्षतिपूर्ति वसूलने में लगा हुआ है. जिसके तहत डीएमआरसी ने अपने खर्च कम करने हेतु पीली रेखा की मेट्रो का परिचालन निजी हाथों में सौंप दिया है.‌ लेकिन परिचालन सौंपे जाने के कुछ ही दिन बाद को ही बादली डिपो से यात्री सेवा हेतु निकल रही मेट्रो तकनीकी लापरवाही के कारण डिपो में ही पटरी से नीचे उतर गई. जिसके बाद डीएमआरसी ने निजी एजेंसी के ऑपरेटर को हटा दिया.

वहीं पिछले दिनों पीली रेखा पर क्रॉस ओवर पर गलत ट्रैक पर मेट्रो के जाने से साढ़े 4 घंटे से अधिक समय तक भी यहां परिचालन प्रभावित रहा. ऐसे में बार-बार यह सवाल उठता रहा कि दिल्ली मेट्रो का परिचालन निजी हाथों में देने से भविष्य में डीएमआरसी को यह भारी पड़ सकता है.

इस विषय में डीएमआरसी भी अपने साख को लेकर काफी चिंतित है और अपनी सेवाओं में सुधार करने के प्रयास कर रहा है. क्योंकि पिछले कई सालों से डीएमआरसी यात्रियों का एक विश्वसनीय जरिया बना हुआ है. ऐसे में इन घटनाओं को देखते हुए डीएमआरसी के निजी हाथों में मेट्रो का परिचालन दिए जाने के कदम को काफी गलत माना जा रहा है. और भविष्य में यहां मेट्रो के क्षति होने की संभावनाएं भी बनती है.

घटना से जुड़े डीएमआरसी के बयान

दिनांक 30 अगस्त 2022 को यहां बादली मेट्रो डिपो में एक घटना हुई जिसमें परिचालन के दौरान मानवीय भूल की वजह से एक खाली ट्रेन की पहली बोगी का एक्सेल पटरी से उतर गया. यह ट्रेन मेट्रो के डिपो में थी और यात्री सेवा में नहीं थे.

हालांकि पूरी ट्रेन में कोई उल्लेखनीय क्षति नहीं हुई है और वह सामान्य यात्रियों की सेवा हेतू उपलब्ध है. वहीं यह बात भी सामने आई कि हुडा सिटी सेंटर की तरफ जाने वाली मेट्रो ट्रेन घिटोरनी स्टेशन के नजदीक क्रॉसओवर (ट्रैक बदलने की जगह) पर रास्ता भटक कर दूसरे ट्रैक पर चली गई. ऐसे में इस स्थिति में बड़ा हादसा हो सकता था.

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