खुशखबरी: इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए लगाए जाएंगे 18 हजार चार्जिंग पॉइंट, हर 3KM बाद होगा चार्जिंग पॉइंट

दिल्ली इलेक्ट्रिक वाहन पॉलिसी: देशभर में पेट्रोल डीजल की बढ़ती कीमतें और बढ़ते प्रदूषण ने लोगों को इलेक्ट्रिक वाहनों की तरफ अग्रसर किया है. यही कारण है कि लगातार देशभर में इलेक्ट्रिक वाहनों की डिमांड बढ़ती जा रही है. पिछले कुछ समय में अब तक की तुलना में भारी मात्रा में लोगों ने इलेक्ट्रिक वाहनों को चुना है. हालांकि कुछ लोग ऐसे भी हैं जो इलेक्ट्रिक वाहन खरीदना चाहते हैं. लेकिन चार्जिंग की समस्या के चलते हिचकचाते हैं. अब सरकार ने लोगों की इसी परेशानी को देखते हुए चार्जिंग पॉइंट लगाने की योजना बनाई है.

आपको बता दें कि सरकार ने अब इलेक्ट्रिक वाहनों की बढ़ती संख्या को देखते हुए साल 2024 तक 18 हज़ार चार्जिंग पॉइंट लगाने की योजना बनाई है. ताकि लोगों को वाहन चार्जिंग में किसी भी प्रकार की दिक्कत ना आए. इलेक्ट्रिक वाहनों की चार्जिंग को बेहतर बनाने के लिए इंफ्रास्ट्रक्चर विकसित किया जा रहा है.

क्या है योजना ?

इस योजना के तहत अब प्रत्येक 3 किलोमीटर के दायरे में एक चार्जिंग पॉइंट बनाया जाना है. दिल्ली के लिए चार्जिंग एंड स्वैपिंग इन्फ्राट्रक्चर प्लान 2025 के तहत अब 15 वाहनों के लिए एक चार्जिंग पॉइंट की सुविधा मुहैया करवाने की दिशा में काम किया जा रहा है.

इस प्लान को हाल ही में जारी भी कर दिया गया है आपको बता दें कि दिल्ली में तकरीबन 2 साल पहले इलेक्ट्रिक वाहन पॉलिसी लागू हुई थी और कुछ ही समय पहले इसके 2 साल पूरे हुए हैं. अब इसको बढ़ावा देने के लिए एक कार्यक्रम आयोजित किया गया जिसमें ई वाहनों को लेकर कई प्रकार के सुझाव भी मांगे गए थे.

वहीं दिल्ली में अभी वाहनों को बढ़ावा देने के मकसद से इलेक्ट्रिक वाहन पॉलिसी में नए भवनों में 20 फ़ीसदी पार्किंग का प्रावधान भी किया गया है. जबकि मौजूदा भवनों में केवल 5 फ़ीसदी पार्किंग ही जरूरी है.

लोगों का बढ़ रहा रुझान

वहीं अगर आंकड़ों की तरफ नजर डाले तो देखा जा सकता है कि पिछले कुछ ही महीनों में इलेक्ट्रिक वाहनों की बिक्री दिल्ली में 10 फ़ीसदी से अधिक रही है. यह आंकड़ा राष्ट्रीय आंकड़े से 4.4 फ़ीसदी अधिक है. वहीं पिछले 2 सालों में दिल्ली में 62000 इलेक्ट्रिक वाहनों का पंजीकरण हुआ था.

जिसमें 42 फीसदी दो पहिया इलेक्ट्रिक वाहनों की बिक्री हुई है. दिल्ली परिवहन विभाग भी इस साल 150 नई इलेक्ट्रिक वाहन शामिल कर चुका है और 2023 तक इस बेड़े में 2000 नई बसें शामिल करने का लक्ष्य भी रखा गया है. आपको बता दें कि इन बसों में तकरीबन 35 लाख यात्री सफर करते हैं.

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