मेट्रो से कई शानदार है दिल्ली मेरठ रैपिड ट्रेन, सुविधाएं देखकर मेट्रो भी लगेगी फीकी
दिल्ली मेरठ रैपिड रेल : वर्तमान समय में देश की पहली रैपिड रेल को शुरू किए जाने का काम तेजी से चल रहा है. बता दें कि देश की पहली रैपिड ट्रेन को दिल्ली से मेरठ के बीच चलाया जाना है. और इस विषय में रीजनल रैपिड ट्रांजिट सिस्टम का काम लगभग अंतिम चरण में है. ऐसे में उम्मीद की जा सकती है कि अगले साल की शुरुआत में यह रैपिड रेल शुरू हो जाएगी.
इसका सबसे बड़ा फायदा यह होगा कि इसकी शुरुआत के बाद दिल्ली से मेरठ की दूरी महज 50 मिनट में ही पूरी हो जाएगी. लेकिन इससे पहले यह जानना भी आवश्यक है कि किस प्रकार से यह रैपिड रेल सबसे खास है? और क्यों इसकी तुलना मेट्रो से हो रही है?
देश में सबसे खास
जानकारी के लिए बता दें कि इस रैपिड रेल हेतु 82 किलोमीटर लंबा गलियारा बनाया जा रहा है और यह गलियारा अब तक का देश का सबसे लंबा गलियारा होगा. इस गलियारे को बनाने में तकरीबन 14000 से अधिक कर्मचारी लगे हुए हैं वहीं प्रोजेक्ट की कुल लागत तकरीबन 30000 करोड रुपए बताई जा रही है.
अब अगर इस ट्रेन की स्पीड की बात करें तो रिपोर्ट का कहना है कि कुल 82 किलोमीटर लंबे इस कॉरिडोर पर रैपिड रेल यहां 180 किलोमीटर प्रति घंटे की अधिकतम रफ्तार से दौड़ पाएगी. वहीं इसकी औसत रफ्तार यहां 100 किलोमीटर प्रतिघंटा होगी. यहां सबसे खास बात यह है कि यह बिल्कुल बुलेट ट्रेन जैसी दिखती है और यह दिल्ली से मेरठ जाने में बेहद कम समय लेती है.
किस प्रकार से होगी खास सुविधाएं ?
बता दें कि इस रैपिड रेल में डिब्बों में बैठने हेतु आमने-सामने 2–2 सीटें बनाई जानी है. इसके अलावा अगर यात्री चाहे तो खड़े होकर भी यात्रा कर सकते हैं. एक खास बात यह भी है कि इस रैपिड रेल में आवश्यकता का आधार पर चुनिंदा दरवाजों को खोलने हेतु पुश बटन भी दिए गए हैं. ऐसे में यहां हर स्टेशन पर सभी दरवाजे खोलने की आवश्यकता नहीं होगी इससे ईंधन की बचत होगी. वहीं रैपिड रेल में टिकट हेतू आधुनिक सिस्टम का इस्तेमाल किया जाएगा. जिसके लिए ऑटोमेटिक फेयर कलेक्शन सिस्टम का इस्तेमाल किया जाना है.