वाहन चालक ध्यान दें ! ये ₹60 का खर्चा बचाने के लिए ना खानी पड़ जाए कहीं जेल की हवा; आज ही करवाएं ये काम
यातायात नियम : वर्तमान समय में देखा जा रहा है कि ट्रैफिक नियमों में यातायात पुलिस खूब सख्ती बरत रही है और लोगों की छोटी सी गलती पर भी उनसे भारी भरकम जुर्माना वसूला जा रहा है. आखिरकार ट्रैफिक पुलिस हमारी सुरक्षा के लिए ही तो नियम बनाती है और अगर हम उन्हीं का पालन ना करें तो बाद में हुई दुर्घटनाओं का दोष आखिर किसको दिया जाए?
इसीलिए देखा जाता है कि जब भी आप कोई नियमों का खंडन करते हैं या फिर आवश्यक दस्तावेजों को साथ में नहीं लेकर जाते हैं तो आपको भारी भरकम जुर्माना भरने के साथ ही साथ कई बार जेल भी भेजा जा सकता है. वैसे तो ऐसे कई ट्रैफिक नियम है जिनसे आप रूबरू है लेकिन एक ऐसे नियम के बारे में आज हम चर्चा करने जा रहे हैं. जो आपको सीधा जेल की हवा खिला सकते है.
छोटा सा खर्चा करके आज ही बनाए ये आवश्यक कागज!
बता दें कि जब भी आप मोटरसाइकिल अथवा कार चलाते हैं आपके पास ड्राइविंग लाइसेंस के साथ ही साथ इंश्योरेंस और आरसी के अलावा पीयूसी का होना भी आवश्यक है.
लगभग सभी वाहन चालक अपने साथ इंश्योरेंस और आरसी जैसे कागज तो रखते हैं लेकिन पीयूसी सर्टिफिकेट बनाने के लिए उन्हें खासा आलस आता है. लेकिन आपको बता दें कि नए यातायात नियमों के तहत हर वाहन चालक के पास मुख्य रूप से पीयूसी का होना काफी आवश्यक है. विशेष तौर पर यदि आप दिल्ली में वाहन चलाते हैं तो पीयूसी आपके लिए सबसे अहम दस्तावेज बन जाता है.
बता दें कि पीयूसी सर्टिफिकेट बनाने का खर्चा महज 60 रुपए से ₹100 का ही होता है और अगर आप इसका उल्लंघन करते हुए पाए जाते हैं तो आपको अच्छा खासा जुर्माना भरना पड़ सकता है.
क्यों आवश्यक है पीयूसी सर्टिफिकेट ?
PUC – Pollution Under Control
आपको बता दें कि पॉल्यूशन अंडर कंट्रोल अर्थात् पीयूसी एक ऐसा सर्टिफिकेट है जिसमें यह तय किया जाता है कि आपके वाहन से निकलने वाला धुआं प्रदूषण मानदंडों के अनुसार है और यह प्रदूषण सीमा रेखा को पार नहीं करता है.
यह सर्टिफिकेट ट्रैफिक पुलिस द्वारा कभी भी मांगा जा सकता है, पुलिस को इसका पूरा अधिकार है. वहीं मोटर व्हीकल एक्ट के अनुसार वाहन चलाते समय बीमा पॉलिसी, पंजीकरण प्रमाण पत्र और ड्राइविंग लाइसेंस की तरह पीयूसी का भी होना आवश्यक है.
बता दें कि मोटर वाहन अधिनियम अधिनियम 1993 की धारा 190 दो के तहत दिल्ली में वैध पीयूसी सर्टिफिकेट ना होने की स्थिति में आपका चालान काटा जा सकता है. और आप पर ₹10000 तक का जुर्माना लगाने के साथ ही साथ आप को 6 महीने की जेल भी हो सकती है.